पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सैन्य गतिरोध के कारण लंबे समय से संबंध तनावपूर्ण है। इसके बावजूद जनवरी-मार्च तिमाही में दोनों देशों के बीच बाइलेटरल ट्रेड 15.3% बढ़कर 31 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। भारत को चीन का एक्सपोर्ट 27.1 अरब डॉलर और इंपोर्ट केवल 4.87 अरब डॉलर है। ऐसे में व्यापर घाटा बढ़कर 22.23 अरब डॉलर हो गया। चाइनीज कस्टम्स ने बुधवार को ये डेटा जारी किया है।
बीते साल, भारत-चीन ट्रेड 125 अरब डॉलर से ज्यादा की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। पिछले साल, भारत को चीन का एक्सपोर्ट 46.2% बढ़कर 97.52 अरब डॉलर रहा था, जबकि चीन को भारत का एक्सपोर्ट 34.2% बढ़कर 28.14 अरब डॉलर हो गया था। व्यापार घाटा 69.38 डॉलर रहा था।

इंडियन फार्मा 70% केमिकल चीन से इंपोर्ट करता है
चाइना-साउथ एशिया कोऑपरेशन रिसर्च सेंटर के सेक्रेटरी लियू जोंगयी ने दोनों देशों के बढ़ते ट्रेड पर कहा, बाइलेटरल ट्रेड में लगातार बढ़ोतरी ने ग्लोबल जियोपॉलिटिकल टेंशन के बावजूद दो प्रमुख डेवलपिंग इकोनॉमी की कॉम्प्लेमेंटरिटी को दिखाया। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अलावा इंडियन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले करीब 70% केमिकल और अन्य मैन्युफैक्चरिंग गुड्स चीन से इंपोर्ट किए जाते हैं।
भारत के इंपोर्ट में 28.3% की बढ़ोतरी
पहले तीन महीनों में चीन से भारत के इंपोर्ट में सालाना आधार पर 28.3% की बढ़ोतरी की तुलना में, भारत के चीन को एक्सपोर्ट में सार-दर-साल 26.1% की गिरावट आई है। इसकी वजह समझाते हुए लियू ने कहा कि 2021 की पहली तिमाही में चीन ने भारत से बड़ी मात्रा में आयरन ओर का इंपोर्ट किया था। हालांकि, पिछले साल की दूसरी तिमाही से चीन ने भारत से इंपोर्ट कम कर दिया।
बनी हुई है चीन की फॉरेन ट्रेड ग्रोथ ट्रैजेक्टरी
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच दो साल से चल रहे सीमा गतिरोध के बावजूद व्यापार लगातार बढ़ रहा है। कुल मिलाकर चीन के फॉरेन ट्रेड ने 2022 की पहली तिमाही में अपनी ग्रोथ ट्रैजेक्टरी को बनाए रखा। चीन का फॉरेन ट्रेड सालाना आधार पर 13% बढ़कर 1.48 ट्रिलियन डॉलर हो गया। अमेरिका को चीन का एक्सपोर्ट जनवरी-मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 16.7% बढ़कर 138 अरब डॉलर पर पहुंच गया।